अनुशासन स्कूल की प्रमुख चिंता है। कहा जाता है कि अनुशासन गया तो सब कुछ गया। एक शानदार शैक्षिक करियर बनाने के लिए अनुशासन महत्वपूर्ण है।
आचार संहिता
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छात्रों को हर दिन सुबह और शाम की प्रार्थना में सामूहिक शामायिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए।
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धार्मिक पाठ्यक्रमों पर भी पूरा ध्यान देना होगा। धर्म पाठ्यक्रम की परीक्षा और स्वयं के अध्ययन में न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे।
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छात्रों को अनावश्यक कार्य के लिए संस्थान से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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छात्रों को आपस में भाईचारा का व्यवहार बनाए रखना चाहिए न कि लड़ाई-झगड़े से।
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दिन में न सोना और एक-दूसरे के कमरे में न जाना, दूसरे के कमरे में छात्रों को परेशान करते हुए पाए जाने पर सजा दी जाएगी या विशेष परिस्थितियों में संस्थान से निष्कासित किया जा सकता है।
कार्यक्रमों की सूची
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संस्थान में प्रवेश के लिए पंजीकरण हर साल मार्च के महीने से शुरू होता है और जून के महीने में प्रवेश के लिए साक्षात्कार होता है।
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संस्थान का नया सत्र जुलाई माह में प्रारंभ होता है।
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ग्रीष्मकालीन धार्मिक शिविर एवं पर्वाधिराज पर्यूषण में छात्रों द्वारा सेवाएं प्रदान करना। हर महीने एक विशिष्ट व्यक्तित्व के प्रेरक भाषण और संगोष्ठी का आयोजन। वाद-विवाद, भाषण, निबंध लेखन, क्विज, गेम शो, कविता लेखन, क्विज जैसे कार्यक्रम माह में कोई भी।
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शिक्षा बोर्ड, जोधपुर द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लेने हेतु।
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हर साल वार्षिक समारोह और हर पांच साल में पूर्व छात्र स्नेह मिलन का आयोजन।
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परम पूज्य आचार्य प्रवर एवं उपाध्याय प्रवर के मांगलिक एवं दर्शन एवं प्रवचन सामूहिक रूप से प्रतिवर्ष सुनने का लाभ।
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गर्मी की छुट्टी के दौरान अंग्रेजी बोलना और कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम।
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संस्थान के छात्रों का शैक्षिक और सामाजिक संस्थानों का भ्रमण।
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धार्मिक नाटकों और कार्यक्रमों में भूमिका निभाना